The mode of realizing a pleasant future in the twenty-first century is called Santasa. Santasa is the mode in which stream of technical Progress is limited by Culturalism and Socialism. The science of One-third Culturalism, one-third industrialism and one-third Socialism is Santasa science. Based on Ved Darshan and Upanishads, the Indian culture has hidden technical and managerial aspects.which can provide the world happiness, prosperity, and peace, exploration, the publication of which are the chief features of this application.
Since the past 20 years, arranger publication medium is contributing towards publicity and expansion of Vedic principles recorded in the form of songs and music for the benefit of a society free of cost. This is an effort to provide this entire collection to listeners at a single place by the medium of this application.
- Aryaveer
इक्कीसवीं सदी की सुखद भविष्य को साकार करनेवाली विधा का नाम है ‘सांतसा’ (Santasa)। सांतसा (Santasa) वह विधा है जिसमें तकनीकी प्रगति की धारा को सांस्कृतिकता तथा सामाजिकता द्वारा (सांत) सीमित किया जाता है। एक तिहाई सांस्कृतिकता, एक तिहाई औद्योगिकता एवं एक तिहाई सामाजिकता है जिस तकनीक में वह सांतसा तकनीक है। वेद-दर्शन-उपनिषद आधारित भारतीय संस्कृति में छिपे तकनीकी एवं प्रबंधन तत्वों को जो विश्व को सुख, समृद्धि एवं शान्ति दिला सकता है का अन्वेषण, प्रकाशन इस एप्प की प्रमुख विशेषताएं हैं।
विगत 20 वर्षों से मैं आर्यवीर प्रकाशन के माध्यम से वैदिक सिद्धान्तों का प्रचार-प्रसार गीत-संगीत के द्वारा ध्वनि मुद्रणालयों में तैयार कर समाज में आप सभी के लिए अपनी ओर से निःशुल्क उपलब्ध कराता आया हूं..!! इस एप्प के माध्यम से वह सकल संग्रह श्रोताओं के लिए एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने का प्रयास है..!!
~ आर्यवीरः